बेइज्जत होकर BCCI को आखिरकार, Virat Kohli की ये तीन बात माननी ही पड़ी!

 

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King Virat kohli - विश्व क्रिकेट के सबसे धाकड़ बल्लेबाज और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली, जब भारतीय टीम की कमान संभालते थे। तो वाह बहुत जिद थे। क्योंकि महेंद्र सिंह धोनी से जो विरासत मिली थी। उस पूंजी को उसी तरीके से आगे बढ़ना चाहते थे। विराट का एग्रेशन मुकाबले को और दिलचस्प बनता था। हालांकि विराट कोहली की कप्तानी का जब अंत आया। तो काफी विवाद हुआ। याद कीजिए वो दोर जब विराट कोहली और सौरभ गांगुली आमने-सामने हों गए थे। दरअसल विराट कोहली ने आईपीएल की कप्तानी छोड़ने के बाद ऐलान कर दिया। की वो विश्व कप 2021 के बाद टीम इंडिया की टी-20 की कप्तानी भी छोड़ देगे।

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ये बात बीसीसीआई को इतनी बुरी लगी थी। की उन्होंने विराट से कह दिया की वनडे की कपतानी भी छोड़नी पडेगी। हालांकि कोहली ने उस वक्त ही कह दिया था। कि वो वनडे और टेस्ट की कप्तानी करना चाहते थे। आखिरकार कोहली की वनडे कप्तानी छीन ली गई। जिसके बाद बवाल खूब मचा। और विराट कोहली ने फिर टेस्ट की कप्तानी भी छोड़ दी। इसके बाद रोहित शर्मा को तीनों फॉर्मेट में धीरे-धीरे करके कप्तान बनाया गया। हालांकि विराट कोहली इसके अलावा भी टीम इंडिया में कई बातें कहते आ रहे थे। जिसे नहीं माना गया। और बीसीसीआई अपनी जिद करता रहा। परिणाम यह हुआ की टीम इंडिया लगातार कई बड़े मुकाबले और ट्रॉफ़ि गवाता रहा। 

हालांकि अब बीसीसीआई को समझ आ गया है, कि विराट कोहली जो कहते थे वही सच है। इसीलिए, आखिरकार बेइज्जत होकर बीसीसीआई अब विराट के रास्ते पर आ ही गया। और विराट से वो हार मान चूका है। 

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आपको आगे बतायेगे वो तीन बड़ी बात जो विराट कोहली अपनी कप्तानी मे रहते हुए। टीम इंडिया में लागू करवाना चाहते थे। और उसी पर वो आगे बढ़ना चाहते थे। जिसे बीसीसीआई नकार रहा था। 

पहली बात - 2019 मे विराट ने कहा था की आईपीएल हर साल होता है। वर्ल्ड कप चार साल में। हमें आईपीएल में ही वर्कलोडमैनेज करना होगा।तब बीसीसीआई इस बात को नकार रहा था। आज अब बीसीसीआई को विराट की बात माननी ही पड़ी है। और सभी फ्रेंचाइजी से कहना पड़ा की टीम इंडिया के नियमित खिलाड़ियों को लीग के दौरान उत्कृष्ट किया जाए। 

दूसरी बात - विराट कोहली यो - यो टेस्ट नहीं हटाना चाहते थे। क्योंकि बात खिलाड़ियों की फिटनेस की थी। लेकिन बीसीसीआई ने नियमों में ढील दी थी। जिसका असर ये हुआ की भारत के आधे से ज्यादा खिलाड़ी हमेशा चोटिल ही रहते हैं। लेकिन अब बीसीसीआई यो-यो टेस्ट के साथ टेक्सा स्केन लेकर आ गया। जिससे यह समझ आता है, की विराट यहां भी सही थे। 

तीसरी बात - कप्तानी छोड़ते वक्त विराट ने कहा था। केवल टी-20 की कप्तानी छोड़ रहा हु। लेकिन बीसीसीआई ने कहा वनडे और टी-20 में एक ही कप्तान होगा। फिर विराट ने टेस्ट की कप्तानी भी छोड़ दी। आज बीसीसीआई आखिरकार विराट के रास्ते पर आ ही गया। क्योंकि टी-20 में हार्दिक पांड्या और वनडे में रोहित शर्मा कप्तान दिख रहे। और यही आगे भी होगा। 

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तो कुछ इस तरीके से बीसीसीआई को विराट कोहली की वो तीनो बातें माननी पड़ी है। जो एक वक्त बीसीसीआई नकारता रहा। दरअसल, बीसीसीआई ने साल 2020 की शुरुआत में ही एक मीटिंग बुलाई थी। जिसमें कप्तान रोहित शर्मा, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण के साथ सभी शामिल थे। जिसमें यह तय किया गया कि 2023 विश्व कप की तैयारियों के लिहाज से यह सब नियम लागू की जाएंगी और खिलाड़ियों की फिटनेस के साथ उनके वर्कलोड को भी मैनेज किया जाएगा। फिलहाल देखना दिलचस्प होगा कि भारत किस तरीके से प्रदर्शन करता है। अभी तो यही लग रहा है की बीसीसीआई विराट से हार गया है। और आखिरकार विराट की बात उन्हे माननी ही पड़ी। 


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